मेरी अर्श की पिया की दुलारी सखिया ।
अर्श को हम दो तरीके से समज सकते है ।
1. इश्क़ से
2. इलम से ।
इश्क़ से हम रोज समजते है और चितबन में चित्त लगाते है ।
लेकिन आज थोड़ा सा इलम से मन हुवा है ।
भूल हो सकती है
पर प्रयत्न कर रही हू पिया के हुकम से।
धाम दरवाजा हमने देखा और समजा ।
पर सही में हमारा धाम दरवाजा हे केसा ...??
जहा हमारा धाम दरवाजा है ।
वहा 10 मंदिर का एक हान्स पड़ता है ।
क्यों की हमारा रंग माहोल 201 हांस में बना है ।
हांस यानि के जहा कोना बनता हों ।
🔻 इस तरह से v आकर में कोना होता है ।
अब वो कोना हमारा धाम दरवाजा जहा पूर्व दिशा में हो वही पे यह एक हांस यानि कोना बन जाता हे।
इस लिए वहा से वो कोना cute हो गया है ।
यानि 10 मंदिर की हांस बना हुवा है ।
इस हांस के मध्य में 2 मंदिर की चौड़ी और 2 भोम की ऊँची मुख्य प्रवेश द्वार की महेराब बनी हे।
हमारा जो दरवाजा यानी 2 किवाड़ हे वह 88 हाथ का लंबा और चौड़ा है ।
यानि 2 किवाड़
1 = 44 हाथ का
1= 44 हाथ का है ।
दरवाजे की चौखट frem सिन्दुरिया रंग की है ।
किवाड़ के बिच में हरे रंग की किनार हे यानि उसे बेनी कहते है ।
और दरवाजे यानि चौखट से लगी दाई और बायी और 56 - 56 हाथ की दीवार आई हुवी है ।
धनि की मेहर से यह रफ picture drow किया है ।
समजने के लीये
इसी तरह की सोभा हमारे धाम दरवाजे की बनी हुवी है ।
जो चौखट बनी है वह 88 हाथ की है ।
उस चौखट के ऊपर 1 छोटी महेराब बनी हुवी है ।
और सब से ऊपर यानि 2 भोम तक एक बड़ी मेहराब बानी हबी है ।
इस सब से बड़ी मेहराब के अंदर 8 थंब के ऊपर 9 छोटी महेराबे बनी हुवी है ।
यह जो 9 छोटी मेहराब है वह 2 - 2 रंग में बनी है ।
आधी मेहराब 1 रंग की और आधी मेहराब दूसरे रंग की।
यानि एक ही मेहराब 2 रंग में बनी है
उसी के साथ उस 9 मेहराब में
बिच में 1 जरुखा निकाला है ।
झरोखे के दाये बाए जाली द्वार बने है ।
और उस जाली द्वार के दाये बाये 1- 1 दरवाजा बना हुवा है ।
और दरवाजे के आस पास फिर 1 - 1 जाली द्वार बना है ।
हमारा धाम दरवाजा बिलकुल इस तरह से बना है ।
9 छोटी मेहराब की गिनती मे ।
बिच में
1 = झरोखा
2 = दरवाजा
6 = जाली द्वार
_________
9
और इन सब में छोटी छोटी चित्र कारी
रोज गाते हे हम सुबह ।
तासो श्री महामति प्रेम ले तौलती
तिन सो धाम दरवाजा खोलती ।
तो आईये इस धाम दरवाजे को खोल के पिया मिलन को चले ।
अर्श को हम दो तरीके से समज सकते है ।
1. इश्क़ से
2. इलम से ।
इश्क़ से हम रोज समजते है और चितबन में चित्त लगाते है ।
लेकिन आज थोड़ा सा इलम से मन हुवा है ।
भूल हो सकती है
पर प्रयत्न कर रही हू पिया के हुकम से।
धाम दरवाजा हमने देखा और समजा ।
पर सही में हमारा धाम दरवाजा हे केसा ...??
जहा हमारा धाम दरवाजा है ।
वहा 10 मंदिर का एक हान्स पड़ता है ।
क्यों की हमारा रंग माहोल 201 हांस में बना है ।
हांस यानि के जहा कोना बनता हों ।
🔻 इस तरह से v आकर में कोना होता है ।
अब वो कोना हमारा धाम दरवाजा जहा पूर्व दिशा में हो वही पे यह एक हांस यानि कोना बन जाता हे।
इस लिए वहा से वो कोना cute हो गया है ।
यानि 10 मंदिर की हांस बना हुवा है ।
इस हांस के मध्य में 2 मंदिर की चौड़ी और 2 भोम की ऊँची मुख्य प्रवेश द्वार की महेराब बनी हे।
हमारा जो दरवाजा यानी 2 किवाड़ हे वह 88 हाथ का लंबा और चौड़ा है ।
यानि 2 किवाड़
1 = 44 हाथ का
1= 44 हाथ का है ।
दरवाजे की चौखट frem सिन्दुरिया रंग की है ।
किवाड़ के बिच में हरे रंग की किनार हे यानि उसे बेनी कहते है ।
और दरवाजे यानि चौखट से लगी दाई और बायी और 56 - 56 हाथ की दीवार आई हुवी है ।
धनि की मेहर से यह रफ picture drow किया है ।
समजने के लीये
इसी तरह की सोभा हमारे धाम दरवाजे की बनी हुवी है ।
जो चौखट बनी है वह 88 हाथ की है ।
उस चौखट के ऊपर 1 छोटी महेराब बनी हुवी है ।
और सब से ऊपर यानि 2 भोम तक एक बड़ी मेहराब बानी हबी है ।
इस सब से बड़ी मेहराब के अंदर 8 थंब के ऊपर 9 छोटी महेराबे बनी हुवी है ।
यह जो 9 छोटी मेहराब है वह 2 - 2 रंग में बनी है ।
आधी मेहराब 1 रंग की और आधी मेहराब दूसरे रंग की।
यानि एक ही मेहराब 2 रंग में बनी है
उसी के साथ उस 9 मेहराब में
बिच में 1 जरुखा निकाला है ।
झरोखे के दाये बाए जाली द्वार बने है ।
और उस जाली द्वार के दाये बाये 1- 1 दरवाजा बना हुवा है ।
और दरवाजे के आस पास फिर 1 - 1 जाली द्वार बना है ।
हमारा धाम दरवाजा बिलकुल इस तरह से बना है ।
9 छोटी मेहराब की गिनती मे ।
बिच में
1 = झरोखा
2 = दरवाजा
6 = जाली द्वार
_________
9
और इन सब में छोटी छोटी चित्र कारी
रोज गाते हे हम सुबह ।
तासो श्री महामति प्रेम ले तौलती
तिन सो धाम दरवाजा खोलती ।
तो आईये इस धाम दरवाजे को खोल के पिया मिलन को चले ।
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