आज धनि ने मुझसे पूछा मेरी प्यारी रूह आज कहा चलेगी।मैंने खड़ोकली की चाहना की।और मेरी सुरता आज खड़ोकलीमें विचरण को निकल पड़ी।
कितना प्यारा समां बंधा है आज वहाँ राजश्यामजी रूहे पशु पक्षी सभी अपनी मस्ती में है।जैसे ही मेरी रूह ने वहाँ प्रवेश किया धनी ने अपने अति उज्जवल कोमल हाथ आगे बढ़ातेहुए मुझे जल में खीच लिया।उनके कोमलहाथो का स्पर्श और जल की शीतलता ने जैसे अंग में सिहरन सी पैदा क्र दी।मेरा अंग प्रत्यंग मानो इश्क मई हो गया जल में साखियॉ तथा राजशायमजी क साथ एक दूसरे को भीगाने की रामते होने लगी।ऐसे मेंआसमान से रंग बिरंगी बूंदों की बारिश होने लगी।हर बून्द में धनी दिख रहे ह और जब वो बुँदे मुझे स्पर्श कर रही है तो धनी क स्पर्श का अहसास हो रहा है।इसतरह सभी रूह इश्क़ रस में सरोबर हो रही है।चारो तरफ इश्क़ की फुहार इश्क़ की मस्ती छाई है।जी चाहता ह धनी आज इस अर्श जल में ऐसे भिगो दे की उससे रूह कभी बाहर न आये🙏❤❤❤🙏
कितना प्यारा समां बंधा है आज वहाँ राजश्यामजी रूहे पशु पक्षी सभी अपनी मस्ती में है।जैसे ही मेरी रूह ने वहाँ प्रवेश किया धनी ने अपने अति उज्जवल कोमल हाथ आगे बढ़ातेहुए मुझे जल में खीच लिया।उनके कोमलहाथो का स्पर्श और जल की शीतलता ने जैसे अंग में सिहरन सी पैदा क्र दी।मेरा अंग प्रत्यंग मानो इश्क मई हो गया जल में साखियॉ तथा राजशायमजी क साथ एक दूसरे को भीगाने की रामते होने लगी।ऐसे मेंआसमान से रंग बिरंगी बूंदों की बारिश होने लगी।हर बून्द में धनी दिख रहे ह और जब वो बुँदे मुझे स्पर्श कर रही है तो धनी क स्पर्श का अहसास हो रहा है।इसतरह सभी रूह इश्क़ रस में सरोबर हो रही है।चारो तरफ इश्क़ की फुहार इश्क़ की मस्ती छाई है।जी चाहता ह धनी आज इस अर्श जल में ऐसे भिगो दे की उससे रूह कभी बाहर न आये🙏❤❤❤🙏
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