मेरे दिल ने अभी तक मेरे धाम दूल्हा के सिनागर को निहारा उसमे ही डूब गयी ।
लेकिन वह मेरे प्रेम का मानो पहला कदम था जो हर सोभा को निहारे जा रहा था ।
मेरा दिल अब मेरे दिल की धड़कन मेरे धनी के खुले अंग को निहार रही है ।
जो इश्क़ ही इश्क़ में सारा बोर कर रही है मुझे ।
हर एक इंद्री मेरी केवल एक ही कार्य नहीं करती है ।
मेरी आँखे मेरे धनि को देखती भी है
धनी का स्पर्श भी मेरी आँखों से ही करती हु
सुगन्ध पिया की आँखों से लेती हु
पिया के दिल के अनंत गुणों की आवाज आँखों से ही सुनती हु ।
इसी तरह हर एक इंद्रिया हर एक इंद्रियो का कार्य करती है
आज जेसे ही मेने मेरी आँखों को बंध किया तो मेने अपने आप को अर्श में मूल मिलावे में मेरे धाम के धनि के सन्मुख खुद को पाया ।
बस और क्या ।
मेरे नैनो ने सुंदरता की सूरत और सीरत से बनी मूरत को सामने पाया ।।
एक क्षण के लिए दिल मानो ठहरसा गया इतना नूर सुंदरता कोमलता को देखके ।
जहा से इश्क़ की शराब लहेर बन के निकलती है उस नैनो में मेने अपने आप को आज देखने का सुख पाया है ।
मानो में आईने के सामने खड़ी हु और खुद को निहार रही हु ।
मेरा आइना खुद मरे दूल्हा के नेत्र है ।
बस मेरे नेत्र और पिया के नेत्र एक हो गए है ।
पिया के नैनो का क्या कहना लगता है में वही के वहीँ चिपक सी गयी हु ना मेरे नैन की पलके झपक रही है ना में हिल रही हूँ ।
ऐसे पिया के नेत्रो ने मुज पर जादू कर दिया है ।
बेहाल कर दिया है
तिरछी निगाहें पीया की इश्क़ का दरिया उमड़ उमड के उड़ेल रही है ।
सुंदरता सफेदी और लाली मा से सजे रसीले नैन आनंद मस्ती उंमग इश्क़ से भरपूर ओत प्रोत है ।
मेने जेसे ही उनकी नैनो में नैन मेरे पिरोए तो उन्हो ने चतुराई चालाकी से उनकी पलकों को दबाया झपकाया मानो मुझे और पास बुलाने का नटखट इसरा कर रहे है ।
तिरछी निगाहो से मुझे देख रहे है और मुझे हैरान कर रहे है ।
निगाहो के ऊपर भौहो की काले राग की फूल की पांखडी जेसी टेढ़ी सोभा
हाय हाय ..... नूर से भरी दिल की धड़कन को तेज करे जा रही है ।
धनी नैनो की दोनों पलकों को मूंदकर धीरे से खोल रहे है तो लगता है कमल के फूल की कली खिल रही है ।
ऐसे उमड़ उमड़ के मस्ती लुटाने वाले नैनो को में एक नजर से निहारे जा रही हू ।
अद्वितीय नैना जिस में अनंत गुणों को में देख रही हु उस की महैक को खुद में समा रही हूँ ।
नैनो से नैनो का स्पर्श कर रही हूँ तो अंग अंग में गुद गुदी सी हो रही है ।
प्रेम रस से लबालब मुझे आनंद और सुख दे रहे है ।
और नैनो में तारे हाय हाय क्या कहु उनका जो नूर ही से भरे है जिस में में खुद को निहार रही हूँ ।
नैनो के ऊपर काली काली भौहें बहोत ही सुंदर है ।
धनि मुजे अपने नैनो की प्रेम भरी इशारो की भाषा से अपनी और आकर्षीत कर रहे है ।
कामन गारे नैंन का क्या कहना जो दिल में नैनो के रास्ते से निकल के बस गए है।
आज लगता है घायल होने का सामन तैयार है ।
इश्क़ से घायल होना क्या मेतो मर जाने को तैयार खड़ी हु मेरे दूल्हा तेरे सामने ।
मेरे अंग अंग को घायल ये दो तिरछे नेत्र कर रहे है ।
लंबे नेत्र उनकी नोकें अनियारी कातिलाना है ।
सीतलता करुणा और प्रेम का प्रवाह शराब मदहोसी का आलम छा रहा है ।
आज इन नैंनो से प्रेम की शराब पिके इश्क़ में घायल होने को तैयार हूँ ।
पिया के नैन आइना है जिस में में खुद को और गहराई में पीया के दिल को देख रही हूँ ।
पीया के दिल के रस का प्रवाह नैनो से कैसे झलक रहा है उस सुख को में ले रही हूँ ।
और में उस झलकती शराब को मेरे नैनो के जाम में भर भर के ले रही हूँ ।
मेरे पीया के नैनो से निकल ने वाला प्रेम का तीर तिन कोनो वाला है ।
इन नैनो से ऐसा बाण मार के मुझे घायल कर दिया है की जिस से मुझे सुख मिल रहा है इश्क़ मिल रहा है ।
यह बाण बस मुझे लगता ही रहे ।
पीया के दोनों भौहे धनुष के समान है ।
और भौहे रूपी धनुष से नेत्र के माध्यम दिल से इश्क़ का बाण निकल के सीधे मेरे दिल में ऐसे छेद के घुश गया है की अब कभी यह बाण निकल नही सकतें ।
तिन कोनों वाला इश्क़ का यह बाण है ।
जो एक बार दिल में चुभा तो चाह के भी निकल नहीं सकता । यह बाण इश्क़ का मिठा मीठा सुख दे रहा है ।
यह बाण ऐसे ही सदा सदा मेरे दिल में चुभते रहे पीया आप मुझे इन नैनो से बस उसी बाण मारते रहो और इश्क़ की सराब छलकाते रहो ।
पिया के बांके नैन खुद में समाने के लिए बुला रहे है मुझे ।
इन नैनो में भरे इश्क़ के अनंत सागर में डूब जानेको आकर्षित कर रही है ।
तिरछे कजरारे नैन की शराब करुणा और इश्क़ से भरपूर है शराब का असल नसा क्या है वह मानो आज समाज आ रहा है ।
शराब में मदहोश होना खुद को भूल जाना और पिया पिया पुकारना अपने आप में सुख दे रहा है ।
मेरे नैन पिया के नैनो से बाते कर रहे है ।
निगाहो निगाहो में होने वाली बात आशिक़ और माशूक़ ही समज पाते है ।
पीया के नैन मुझे कह रहे हे की मेरी रूह मेरे गले आके मिलो ।
तो मेरे नैंन पिया से कह रहे है पिया आप के नैनो से अब एक पल ओझल मत करना बस इन नैनो में ही बसेरा रहने दीजिये मेरा ।
पीया के नैन मेरा आइना है जिस में खुद को निहार रही हूँ ।
मिलन की यह पल सब से अलग है खुद में ही कुछु ख़ास है ।
इन नैनो पर वारि वारि समर्पण किये जा रही हु मे ।
ये पिया के नैंन है
या भुलवनि के दर्पण है ।
यहा भी पिया है
वहा भी पीया है ।
खुद को इन नैनो पे वार दिया है ।
इश्क के जाम का इश्क़ की शराब से मिलन है ।
नशा ही नशा है ।
जादू सा जो छाया है ।
इस जादू में खुद को भुलाने का मझा ही मझा है ।जो में जानू और वो जाने ।
इन निगाहो के रास्ते दिल तक जाने का रास्ता खुल गया है
दील के अनंत गुणों के सागर में डूब जाना ही आखरी मंजिल है ।
दिल से निकल के आँखों से घायल करने वाला त्रिगुड़ा तीर ऐसे मेरे दिल को छेद के निकला है जो बहोत प्यारा लग रहा है ।
मीठा लग रहा है ।
ऐसे सुख सीतल करुणा इश्क़ प्रेम से भरे नैन में ही समाये रहना है मुझे ।
जाम भी आप है
इश्क़ भी आप है
जिस तरफ देखु आप ही आप है ।
आप ही आप है ।
नेनो की छबि हु में
दर्पण आज देखा हे मेने चुनरी उतार के ।
फूल भी नैंन है
बाग़ भी नैन है ।
भुलवनि आप ही आप है ।
जिस तरफ देखु आप ही आप है ।
नैनो में शराब है
सूरत कमाल है
सामने महेबूब् की मूरत है
देखि ना आज तक ये खूबसूरती ।
जमुना भी नैन है
सागर भी नैन है
जिस तरफ देखु आप ही आप है ।
काले नैनो में संगीत के सूर है
चंचल चपल अनियारे गुण है
लहरे भी नैन है
तरंगे भी नैन है ।
जिस तरफ देखु आप ही आप है ।
साकी भी नैन है
सराब भी नैंन है
जादू भी नैन है
नशा भी नैन है ।
जिस तरफ देखु आप ही आप है ।
आप ही आप है
पीया ही पिया है
जिस तरफ देखु खूबसूरती ही खूबसूरती है ।
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