5 भोम ।
रंग परवाली
✍🏻 चर्चनी ✍🏻
हमारा रंग भवन 9 भोम 10 आकाशी की नूरी शोभा से शुशोभित है ।
जिस में 5 भोम जिसे रंग परवाली कहते है ।
जहां हम सयन की अनंत और अद्वैत लीला करते है ।
रंग परवाली तक का रास्ता पसार करते समय खास मुख्य शोभा को हम दिल में बसा ले तो 5 भोम का आनंद और बढ़ जाता है ।
जैसे की ।
🍧रंग परवाली का स्थान
🍧रंग परवाली तक पहोचने तक की सोभा ।
🍧 रंग परवाली के अंदर की शोभा ।
🔹 दो पुडा
🔹 त्रि पुडा
🔹 चौपुड़ा
इन सब की शोभा सुंदरता बेमिसाल है ।
जितना इनका सुख चितवन में लेंगे उतना ही सुख इन शोभा को चर्चनी में समजने पे मिलता है ।
जब हम रंग महोल में धाम दरवाजा पार करके अंदर आते है ।
वही 28 थंभ का चौक आगे आता है ।
रंग महोल को गोल घेर के 6 हजार मंदिर की दो हार आई हुवी है ।
यहां से आगे ।
4 चौरस
4 गोल
इस तरह से कुल 4 चौरस हवेली के 4 फिरावे
और गोल हवेली के 4 फिरावे आये हुवे है ।
जैसे की ।
पहले 4 चौरस हवेली पार करके
◾
◾
◾
◾
फिर 4 गोल हवेलिया आई है ।
⚫पहली गोल मूल मिलवा
⚫
⚫
⚫
फिर से 4 चौरस
इस तरह से कुल 4 बार गोल और 4 बार चौरस हवेलियो के फिरावे आये हे ।
जिस से 231 चौरस और
231 गोल हवेलिया आई है ।
इन हवेलिओ को पार करके
आगे पंच महोलो का 9 फिरवा आया है ।
9 फिरावा किस तरह से ..??
4 चौरस + 4 गोल = 8
और पंच महोल का 9 फिरावा हुवा ।
इस तरह से हम इन हवेलिओ को पार करके आगे बढ़ते है ।
जैसे ही हम पंच महोल की हवेलिओ को पार करते है आगे फूलो के बगीचे फ़वारे की शोभा आती है ।
और बिलकुल मध्य में 9 चौक आये है ।
9 चौक
4 दिशा में = 4
4 कोनों में = 4
बिच में = 1
____________
कुल= 9 चौक आये हे
इन 9 चौक के 4 कोनों में 4 बड़े स्तुन यानि पानी के पाइप आये है ।
इस पानी के पाइप को फिल पाई कहते है ।
यानी की हाथी के पैर जैसा बड़ा पाइप है ।
इस पाइप से 9 भोम तक हर जगह पानी जाता है ।
यह पाइप ऊपर 10 आकाशी में जाके खुलता है ।
9 चौक के मध्य में जो चौक है ।
वह रंग परवाली मंदिर है हमारा ।
जहा हम धनी के साथ रंगो से भरी प्रेम की आनंद की लीला करते है ।
" दो से एक होने " की लीला
अनंत अद्वैत लीला करते है ।
इस चौरस रंग परवाली भोम में ।
3 शोभा महत्व की है ।
🔹 दो पुडा
🔹 त्रि पुडा
🔹 चौपुड़ा
पुडा यानि की रास्ता ।
2 रास्ते गुजरते है उसे दो पुडा
3 रास्ते गुजरते है उसे
त्रि पुडा
और 4 दिशा में रास्ता गुजरता है उसे चौपुडा कहा जाता है ।
रंग परवाली
✍🏻 चर्चनी ✍🏻
हमारा रंग भवन 9 भोम 10 आकाशी की नूरी शोभा से शुशोभित है ।
जिस में 5 भोम जिसे रंग परवाली कहते है ।
जहां हम सयन की अनंत और अद्वैत लीला करते है ।
रंग परवाली तक का रास्ता पसार करते समय खास मुख्य शोभा को हम दिल में बसा ले तो 5 भोम का आनंद और बढ़ जाता है ।
जैसे की ।
🍧रंग परवाली का स्थान
🍧रंग परवाली तक पहोचने तक की सोभा ।
🍧 रंग परवाली के अंदर की शोभा ।
🔹 दो पुडा
🔹 त्रि पुडा
🔹 चौपुड़ा
इन सब की शोभा सुंदरता बेमिसाल है ।
जितना इनका सुख चितवन में लेंगे उतना ही सुख इन शोभा को चर्चनी में समजने पे मिलता है ।
जब हम रंग महोल में धाम दरवाजा पार करके अंदर आते है ।
वही 28 थंभ का चौक आगे आता है ।
रंग महोल को गोल घेर के 6 हजार मंदिर की दो हार आई हुवी है ।
यहां से आगे ।
4 चौरस
4 गोल
इस तरह से कुल 4 चौरस हवेली के 4 फिरावे
और गोल हवेली के 4 फिरावे आये हुवे है ।
जैसे की ।
पहले 4 चौरस हवेली पार करके
◾
◾
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फिर 4 गोल हवेलिया आई है ।
⚫पहली गोल मूल मिलवा
⚫
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फिर से 4 चौरस
इस तरह से कुल 4 बार गोल और 4 बार चौरस हवेलियो के फिरावे आये हे ।
जिस से 231 चौरस और
231 गोल हवेलिया आई है ।
इन हवेलिओ को पार करके
आगे पंच महोलो का 9 फिरवा आया है ।
9 फिरावा किस तरह से ..??
4 चौरस + 4 गोल = 8
और पंच महोल का 9 फिरावा हुवा ।
इस तरह से हम इन हवेलिओ को पार करके आगे बढ़ते है ।
जैसे ही हम पंच महोल की हवेलिओ को पार करते है आगे फूलो के बगीचे फ़वारे की शोभा आती है ।
और बिलकुल मध्य में 9 चौक आये है ।
9 चौक
4 दिशा में = 4
4 कोनों में = 4
बिच में = 1
____________
कुल= 9 चौक आये हे
इन 9 चौक के 4 कोनों में 4 बड़े स्तुन यानि पानी के पाइप आये है ।
इस पानी के पाइप को फिल पाई कहते है ।
यानी की हाथी के पैर जैसा बड़ा पाइप है ।
इस पाइप से 9 भोम तक हर जगह पानी जाता है ।
यह पाइप ऊपर 10 आकाशी में जाके खुलता है ।
9 चौक के मध्य में जो चौक है ।
वह रंग परवाली मंदिर है हमारा ।
जहा हम धनी के साथ रंगो से भरी प्रेम की आनंद की लीला करते है ।
" दो से एक होने " की लीला
अनंत अद्वैत लीला करते है ।
इस चौरस रंग परवाली भोम में ।
3 शोभा महत्व की है ।
🔹 दो पुडा
🔹 त्रि पुडा
🔹 चौपुड़ा
पुडा यानि की रास्ता ।
2 रास्ते गुजरते है उसे दो पुडा
3 रास्ते गुजरते है उसे
त्रि पुडा
और 4 दिशा में रास्ता गुजरता है उसे चौपुडा कहा जाता है ।
इस चौपुड़े ,त्रिपुड़े , और दोपुड़े के बिच में
मन्दिरो , गलियो , थंभ , महेराबो की बेमिशाल शोभा आई हुवी है ।
इन सब शोभा को दिल में बसाये हम 5 भोम रंग परवाली मंदिर में धनी के साथ सुख सेज्या पे सयन करे ।रंग परवाली मंदिर में हम रात के 9 pm से सुबह के 6 am तक सयन लीला हकीकत से मारफत की लीला करते है ।
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