Monday, 18 April 2016

5 भोम । रंग परवाली ✍🏻 चर्चनी ✍🏻

5 भोम ।
रंग परवाली 

✍🏻 चर्चनी  ✍🏻

हमारा रंग भवन 9 भोम 10 आकाशी की नूरी शोभा से शुशोभित है ।

जिस में 5 भोम जिसे रंग परवाली कहते है ।
जहां हम सयन की अनंत और अद्वैत लीला करते है ।

रंग परवाली तक का रास्ता पसार करते समय खास मुख्य शोभा को हम दिल में बसा ले तो 5 भोम का आनंद और बढ़ जाता है ।


जैसे की ।

🍧रंग परवाली का स्थान
🍧रंग परवाली तक पहोचने तक की सोभा ।
🍧 रंग परवाली के अंदर की शोभा ।
🔹 दो पुडा
🔹 त्रि पुडा
🔹 चौपुड़ा 

इन सब की शोभा सुंदरता बेमिसाल है ।

जितना इनका सुख चितवन में लेंगे उतना ही सुख इन शोभा को चर्चनी में समजने पे मिलता है ।
जब हम रंग महोल में धाम दरवाजा पार करके अंदर आते है ।

वही 28 थंभ का चौक आगे आता है ।

रंग महोल को गोल घेर के 6 हजार मंदिर की दो हार आई हुवी है ।

यहां से आगे ।

4 चौरस

4 गोल

इस तरह से कुल 4 चौरस हवेली के 4 फिरावे

और गोल हवेली के 4 फिरावे आये हुवे है ।


जैसे की ।

पहले 4 चौरस हवेली पार करके 






फिर 4 गोल हवेलिया आई है ।

⚫पहली गोल मूल मिलवा




फिर से  4 चौरस 

इस तरह से कुल 4 बार गोल और 4 बार चौरस हवेलियो के फिरावे आये हे ।

जिस से 231 चौरस और
231 गोल हवेलिया आई है ।

इन हवेलिओ को पार करके 
आगे पंच महोलो का 9 फिरवा आया है ।

9 फिरावा किस तरह से ..??

4 चौरस + 4 गोल = 8
और पंच महोल का 9 फिरावा हुवा ।


इस तरह से हम इन हवेलिओ को पार करके आगे बढ़ते है ।
जैसे ही हम पंच महोल की हवेलिओ को पार करते है आगे फूलो के बगीचे फ़वारे की शोभा आती है ।


और बिलकुल मध्य में 9 चौक आये है ।
9 चौक 

4 दिशा में = 4
4 कोनों में = 4
बिच में     = 1
____________

          कुल= 9  चौक आये हे
इन 9 चौक के 4 कोनों में 4 बड़े स्तुन यानि पानी के पाइप आये है ।

इस पानी के पाइप को फिल पाई कहते है ।
यानी की हाथी के पैर जैसा बड़ा पाइप है ।

इस पाइप से 9 भोम तक हर जगह पानी जाता है ।


यह पाइप ऊपर 10 आकाशी में जाके खुलता है ।
9 चौक के मध्य में जो चौक है ।
वह रंग परवाली मंदिर है हमारा ।
जहा हम धनी के साथ रंगो से भरी प्रेम की आनंद की लीला करते है ।

" दो से एक होने " की लीला


अनंत अद्वैत लीला करते है ।
इस चौरस रंग परवाली भोम में ।

3 शोभा महत्व की है ।

🔹 दो पुडा
🔹 त्रि पुडा
🔹 चौपुड़ा 

पुडा यानि की रास्ता ।

2 रास्ते गुजरते है उसे दो पुडा
3 रास्ते गुजरते है उसे 
त्रि पुडा

और 4 दिशा में रास्ता गुजरता है उसे चौपुडा कहा जाता है ।
इस चौपुड़े ,त्रिपुड़े , और दोपुड़े के बिच में

 मन्दिरो , गलियो , थंभ , महेराबो की बेमिशाल शोभा आई हुवी है ।

इन सब शोभा को दिल में बसाये हम  5 भोम रंग परवाली मंदिर में धनी के साथ सुख सेज्या पे सयन करे ।रंग परवाली मंदिर में हम रात के 9 pm से सुबह के 6 am तक सयन लीला हकीकत से मारफत की लीला करते है ।

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