Friday 8 July 2016

रूहें अरस भोम सातमी

💖☺तेरी गलियां☺💖

💚रूहें अरस भोम सातमी
💚जो छपर खटों हिंचत
💚सो सुपने कदम न छोडहीं
💚जाकी असल हक निसबत

हमरा घर...सातवी भोम...उसकी गलियां...गलियों में नूरी इश्क़ के जुले...और वह जुले में धणी जी के साथ आँखों में आँखों पिरोके जुलने वाली...सुपन संसार में भी इश्क़ लज्जत लेने वाली सखी को प्रेम प्रणाम💖☺🙏🏻👣

तेरी गलियां…गलियां तेरी, गलियां
मुझको भावें गलियां, तेरी गलियां

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