Wednesday, 14 December 2016

.... चर्चनी .......दसवीं आकासी

दसवीं आकासी
   

...... चर्चनी .......


सब से पहले 1 से 9 भोम में बनी सोभा को देखे ।
निचे बनी गयी सोभा पर ऊपर आकाशी यानी हमारी चाँदनी में बहोत ही सुंदर खुली सोभा बनी हुवी है ।


1. निचे की भोम में जो सबसे मध्य में नौ (9) चौक बने है। इन नौ चौक के बिलकुल लाइन में ऊपर चांदनी में 200 हांस का एक कमर भर ऊंचा चबूतरा बना है ।
इन 200 हांस का चुबुतरा बिलकुल मध्य में है ।
इसकी चार दिशाओ में 3-3 सीढिया उतरी हुवी है ।
 और चार कोनों में चहेबच्चा की बहोत ही सुंदर सोभा दिखाई देती है ।
चौक के फिरते कठेडा बना हुवा है ।
चौक में सुंदर सिंहासन और खुर्शिया आई है जहा हम धनी के साथ सुहानी चांदनी में बैठते है ।

2. उसके बाद निचे की भोम में पंचमोहलाते आई हुवी है ।
इन पंच मोहलातो की जगह  सीधे लाइन में उपर चाँदनी पर फलदार वृक्ष आए हुवे है यानी फलो का मानो सुंदर बागीचा बना है ।

3. उसके आगे निचे की भोम में जहां गोल हवेलिया आयी हुवी है उसके सीधे लाइन में चांदनी के उपर अनंत रंगो से सजे घास की सोभा आयी हुवी है ।
मानो अनंत रंगो की गिलम बिछी हो ऐसा लगता है ।

4.  उसके आगे निचे की भोम में आई चोरस हवेलिओ की सीधी लाइन में चाँदनी के ऊपर अनेको प्रकार के फूलो के बगीचे बने हुवे है ।

5.  निचे की भोम के हवेलिओ के बिच में जो गलिया बनी हुवी है उन सभी गलियो की सोभा की जगह में ऊपर चांदनी पर बगीचो में नहरो की सोभा बनी हुवी आई है । जहां कोनो की जगहों में चहबच्चे की सोभा आई हुवी है।

6. और निचे भोमो में जो 6 हजार मंदिरो की हार आई है इन मन्दिरो की सोभा के ऊपर चांदनी में दहलान उसमे गुमटियां गुमटियों के उपर कलश , कंगूरे ,  धजा , पताका , उसमे छोटी छोटी घुंघरिया लगी हुवी सोभा बनी हुवी है ।


पूनम की मध्य शीतल रात को हम धनी के साथ अपनी सुखो की चाँदनी में आते है ।
और पीया के साथ प्रेम और आनंद की लिलाए करती है ।

❤🙏🏻❤

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